Thursday, July 26, 2007

ढेला और पत्ती

बाल उद्यान पर पढिये ढेले और पत्ती की कहानी ।साथ ही यह अनुरोध भी कि आप अपने बच्चों के बनाए चित्र या उनकी लिखी कविता या कोई भी चटपटी बात जो उनके नन्हे मुख से निकल कर हमें गुदगुदा जाती है --मुझे या बाल उद्यान के किसी अन्य सदस्य को ई-मेल के ज़रिये भेजिये । हमे उसे प्रकाशित कर प्रसन्नता होगी ।

1 comment:

Anonymous said...

बहुत ही मस्त है कहानी। एक दम प्रेकटिकल। पर "बच्चों" को इस से क्या सीख मिलती है !!! या हम इसको ’लोरी वाली कहानी’ समझें ?