tag:blogger.com,1999:blog-8991622950326641568.post1375382495023632247..comments2023-10-29T14:47:22.589+05:30Comments on notepad: चिड़चिड़ी पत्नीसुजाताhttp://www.blogger.com/profile/10694935217124478698noreply@blogger.comBlogger16125tag:blogger.com,1999:blog-8991622950326641568.post-11810884188470603912008-04-09T11:46:00.000+05:302008-04-09T11:46:00.000+05:30विदूषण जी ,धन्यवाद !मेरे सिड़ीमार्का लेखन को आपकी प...विदूषण जी ,<BR/>धन्यवाद !मेरे सिड़ीमार्का लेखन को आपकी पारखी नज़र ने कैसे पहचान लिया ? महान हैं आप ? वैसे इस कहानी की अंतिम पंक्ति रुदन से प्रतिरोध की ओर ले जाती है ,आपको नही लगता ?<BR/>प्लीज़ ध्यान से पढियेगा न एक बार और !<BR/>अपने ब्लॉग पर भी कुछ लिखिये , आपको भी तो पढ लें !note padhttps://www.blogger.com/profile/17125205742214556205noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8991622950326641568.post-24791357396282704012008-04-09T10:54:00.000+05:302008-04-09T10:54:00.000+05:30यह न आपबीती है और न जगबीती . यह तो भरेपेट वाले का ...यह न आपबीती है और न जगबीती . यह तो भरेपेट वाले का रूमानी रुदन दीखै . नौसिखिए का फ़िक्शन लिखने का अभ्यास . धीरे-धीरे हाथ शर्तिया मंज जाएगा . हिंदी में ऐसे सिड़ीमार्का आंसूबहाऊ-सहानुभूतिजताऊ किंतु अतिशय उबाऊ लेखन का बाज़ार भाव अब भी बना हुआ है .<BR/><BR/>दबाव चौतरफ़ा हैं . सब पर हैं . ढूंढने पर ऐसे आदमी भी बहुतायत में मिलेंगे .vidooshakhttps://www.blogger.com/profile/12102463132995075848noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8991622950326641568.post-69965067765021151492008-04-09T07:44:00.000+05:302008-04-09T07:44:00.000+05:30घोस्ट बस्टर जी ,धमकाइये नही अनामी को धमकी तो सावधा...घोस्ट बस्टर जी ,<BR/>धमकाइये नही अनामी को धमकी तो सावधान करती है ,बल्कि यदि इतने विश्वस्त हैं तो चुपचाप पता लगा कर एक दिन घोषणा कर दीजिये ।note padhttps://www.blogger.com/profile/17125205742214556205noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8991622950326641568.post-32409409487489274622008-04-08T22:12:00.000+05:302008-04-08T22:12:00.000+05:30सुजाता जी, ये अनामी कमेन्ट किसका है जानना चाहती है...सुजाता जी, ये अनामी कमेन्ट किसका है जानना चाहती हैं आप? हम प्रमाण सहित बता सकते हैं. ये ब्लाग जगत का एक जाना माना नाम हैं. कुछ दिन से ghost buster के नाम से कई ब्लाग्स पर वरिष्ठ ब्लागर्स के प्रति बेअदबी से कमेन्ट देने वाली शख्सियत भी यही हैं. अगर इनकी ये हरकतें जारी रहती हैं तो सप्ताह भर के अन्दर अपना हिन्दी ब्लाग बनाकर इनकी जानकारी समस्त ब्लाग जगत को प्रमाण सहित दे देंगे.Ghost Busterhttps://www.blogger.com/profile/02298445921360730184noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8991622950326641568.post-18430744455449441222008-04-08T19:15:00.000+05:302008-04-08T19:15:00.000+05:30सम्बन्ध vicious circle की तरह होते हैं , एक बार ब...सम्बन्ध vicious circle की तरह होते हैं , एक बार बिगड़ने शुरु हुए तो हर छोटी सी बात के बड़े बड़े अर्थ दिखने लगते हैं । कोशिश हो कि उस ’भँवर’ में फ़ंसने से पहले ही कुछ किया जाये । <BR/>समस्या निश्चित रूप से सिर्फ़ ’बटन नहीं लगाना’ नहीं हो सकती ।अनूप भार्गवhttps://www.blogger.com/profile/02237716951833306789noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8991622950326641568.post-3167135849165291252008-04-08T07:40:00.000+05:302008-04-08T07:40:00.000+05:30बहुत सही मीनाक्षी जी ,ऐसे ही सवाल उठने चाहिये हमार...बहुत सही मीनाक्षी जी ,<BR/>ऐसे ही सवाल उठने चाहिये हमारे मन में भी उस पत्नी के मन में भी और उस पति के मन में भी ।सवाल उठे या किसी एक को भी यहाँ आइना दिख जाए तो लेख्न सफल है ।<BR/>धन्यवाद सभी का !note padhttps://www.blogger.com/profile/17125205742214556205noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8991622950326641568.post-13783382967770746102008-04-08T02:43:00.000+05:302008-04-08T02:43:00.000+05:30बस इक लहर सी उठी...कलम अनायास पैर पटकती हुई आ पहुँ...बस इक लहर सी उठी...कलम अनायास पैर पटकती हुई आ पहुँची यहाँ... आदमी ने रोटी बेलती औरत के मुँह पर कमीज़ पटकी तो जलती आँखों से क्यों न देखा...झर झर आँसू क्यों बहने लगे.... छोटे को पति की बाँहों में क्यों न डाल<BR/> दिया...क्यों झल्लाई सी इधर उधर भागती है..अपने से प्यार, अपने लिए सम्मान क्यों नहीं....ऐसे कई सवाल मन में उठते हैं ....मीनाक्षीhttps://www.blogger.com/profile/06278779055250811255noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8991622950326641568.post-14976191414596051022008-04-08T01:04:00.000+05:302008-04-08T01:04:00.000+05:30ab mujhe khud is tarah ki baaton mein ras aa raha ...ab mujhe khud is tarah ki baaton mein ras aa raha hai! <BR/> ye kya ho raha hai ? kahin kuch gadbad hai.मुनीश ( munish )https://www.blogger.com/profile/07300989830553584918noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8991622950326641568.post-39728670387473606952008-04-07T20:24:00.000+05:302008-04-07T20:24:00.000+05:30अविनाश जी आपने ऊपर का कमेंट पढा नही शायद !मेरे पति...अविनाश जी आपने ऊपर का कमेंट पढा नही शायद !<BR/>मेरे पति जो देव नही और मैं भी देवी नही , वे इन्हें पढते रहते हैं बल्कि स्त्री विमर्श पर बहुत सी पुस्तके भी सजेस्ट करते हैं ।<BR/>शायद यही कारण है कि ज़्यादातर स्त्रियाँ कविता लिखती हैं । कम से कम कोई यह नही कहता कि -अच्छा आप के साथ ऐसा हुआ । कविता एक आवरण दे देती है । गद्य मे कहने के लिए अनामों को झएलने की हिम्मत चाहिये न !सुजाताhttps://www.blogger.com/profile/10694935217124478698noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8991622950326641568.post-30799624943236984182008-04-07T20:18:00.000+05:302008-04-07T20:18:00.000+05:30यह पोस्ट पति (देव) को पढ़वा देनी चाहिए. शायद इतना...यह पोस्ट पति (देव) को पढ़वा देनी चाहिए. शायद इतना कुछ करना सोचना न ही पड़े और हल चल मिट जाए, सारा झगड़ा सिमट जाए. इसे आजमाने में कोई हर्ज भी तो नहीं है. सारे सकारात्मक प्रयास करने चाहिए - ऐसा मेरा मानना है. <BR/>पंगेबाज तो नाम के ही निकले :<BR/><BR/>पंगे से डरते है जो, <BR/>नाम पंगेबाज रखते हैं क्यों ?<BR/><BR/>- अविनाश वाचस्पतिAnonymousnoreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8991622950326641568.post-23503428937485607472008-04-07T19:43:00.000+05:302008-04-07T19:43:00.000+05:30और हाँ अनाम जी सबसे मज़ेदार तो यह है कि मैं जो भी ल...और हाँ अनाम जी सबसे मज़ेदार तो यह है कि मैं जो भी लिखती हूँ वह मेरा ही भोगा हुआ है यह आप कैसे मान लेती हैं /लेते हैं ?सुजाताhttps://www.blogger.com/profile/10694935217124478698noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8991622950326641568.post-32391419150680331062008-04-07T19:34:00.000+05:302008-04-07T19:34:00.000+05:30अनानी मस जी सही कहा - पतनी बनना बिल्कुल ज़रूरी नही ...अनानी मस जी सही कहा - पतनी बनना बिल्कुल ज़रूरी नही था जी , सब औरतों को अविवाहित ही रहना चाहिये या लिव इन रिश्तों में ही जीना चाहिये ।वैसे इस सवाल के बार बार उठने पर अब तो कोफ्त होने लगी है कि इतनी परेशान हो तो पत्नी क्यो बनी ही क्यों या फिर तलाक क्यो नही ले लिया ।<BR/>कोई महानुभाव समाधान करे ,वह अनाम् ही क्यो न हो ।note padhttps://www.blogger.com/profile/17125205742214556205noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8991622950326641568.post-26698169427496187112008-04-07T18:34:00.000+05:302008-04-07T18:34:00.000+05:30हमने तो पढ़ा ही नहीं इस चिड़चिड़ी औरत के बारे में और ...हमने तो पढ़ा ही नहीं इस चिड़चिड़ी औरत के बारे में और न ही हम जानते हैं कि वो क्यूँ फिर से बटन लगाना भूल गई या क्यूँ सबसे लड़ने लगी या रंजना से नाराज हो ली-जब पढ़ेंगे तबहि न समझ में आयेगा. तो चुपचाप चले. :) आज संडे है, जरा दोस्तों से मिल आयें. :)Udan Tashtarihttps://www.blogger.com/profile/06057252073193171933noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8991622950326641568.post-88301780894390469302008-04-07T16:57:00.000+05:302008-04-07T16:57:00.000+05:30kyaa patni bannaa itana jaurii tha ? agar kabliyat...kyaa patni bannaa itana jaurii tha ? agar kabliyat nahin thee toh kyon bannii . aur agar ek maid rakh laetii toh kuch sudhaar toh ho hee saktaa thaAnonymousnoreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8991622950326641568.post-8208362664820221182008-04-07T15:55:00.000+05:302008-04-07T15:55:00.000+05:30i have sahanubhooti for that miserable lady , but ...i have sahanubhooti for that miserable lady , but for me blogging is just for anubhoooooti !!मुनीश ( munish )https://www.blogger.com/profile/07300989830553584918noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8991622950326641568.post-72367094624683826642008-04-07T15:02:00.000+05:302008-04-07T15:02:00.000+05:30हम कुछ नही कहेगे..(खामखा पंगे मे फसने का डर है)हम कुछ नही कहेगे..(खामखा पंगे मे फसने का डर है)Arun Arorahttps://www.blogger.com/profile/14008981410776905608noreply@blogger.com