tag:blogger.com,1999:blog-8991622950326641568.post5207310993189497632..comments2023-10-29T14:47:22.589+05:30Comments on notepad: वर्ना हम भी आदमी थे काम के.....सुजाताhttp://www.blogger.com/profile/10694935217124478698noreply@blogger.comBlogger19125tag:blogger.com,1999:blog-8991622950326641568.post-10154720301070452372007-04-27T00:44:00.000+05:302007-04-27T00:44:00.000+05:30नोटपैड जी,आपने बहुत सही विचार रखे हैं। अब हम तो बह...नोटपैड जी,<BR/>आपने बहुत सही विचार रखे हैं। अब हम तो बहुत ढीठ टाईप के हैं, लक्षण वही हैं, बस कुछ लिखते नहीं (या यूँ कहें कि मसाला ही नही है), एक सनक है । अब न भी लिखो, तो क्या पढ़ने से रोक लोगे अपने आप को? बड़ा मुश्किल है यह। कभी बहुत स्व-अवरोधों के बाद प्रारंभिक पोस्ट लिखी, जब चौथी पोस्ट हो गयी तब झट से सागर ने कह दिया - यह तो सर्वविदित है कि चार पोस्ट के बाद कोई ब्लॉगिंग से वापस नहीँ लौटता। हम अड़ गये, कि अब दुकान बंद। अनूप जी ने फिर एक दिन बताया कि नहीं यह मानक नहीं है, 40 तक लिखा जा सकता है (देख रही हैं, जो चरसियाना छोड़ने भी चला तो कहा, नहीँ अभी तो लत नहीँ लगी है, चिंता मत करो) <BR/><BR/>इसके पूर्व, कैसे फंसाया गया, आप यहाँ देख सकती हैं<BR/><A HREF="http://antarim.blogspot.com/2007/02/blitzkreig-tagged-in-cradle.html" REL="nofollow"> सर मुँड़ाते ही ओले पड़े</A> आपको लगेगा कि कुछ ऐसा ही हुआ है आपके साथ भी। बिल्कुल उसी सिद्धांत पर है, जैसा समीर जी ने कहा है। वहाँ पर ही सागर की 4 पोस्टों वाली चेतावनी भी है। और कैसा मज़ा आता है पुराने लोगों को, <A HREF="http://antarim.blogspot.com/2007/01/blog-post.html#comment-2942663788244747344" REL="nofollow">जीतू जी की इस टिप्पणी</A> में निहित है <BR/><BR/>अब लिखने से तो कुछ रुका ही हूँ, बकौल फुरसतिया 40 की सीमा जो है और मसाला भी नहीँ, टिप्पणी पर भी कुछ-कुछ संयम, कभी बहक जाता हूँ पर पढ़्ने से - अभी तो नहीँ। पर वही बीमारी, मित्रों को देवनागरी में लिखने की, फिर उन्हें बताने की, कि कैसे तुम भी फंसो। हम तो अभी भी अपने आपको चरसियों में नहीं गिनते।Rajeev (राजीव)https://www.blogger.com/profile/04166822013817540220noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8991622950326641568.post-52805917244700825392007-04-26T23:53:00.000+05:302007-04-26T23:53:00.000+05:30ey bahi logo, mujhey daraoo mat mey too blogger ...ey bahi logo, mujhey daraoo mat mey too blogger par aap logo key chitey parney hi aata hu, taki mujhey bhi kuch likhana parnaa aa jay, aab too aap logo key nam bhi jantaa hu, mat daraooराज भाटिय़ाhttps://www.blogger.com/profile/10550068457332160511noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8991622950326641568.post-86045595512750325772007-04-26T21:40:00.000+05:302007-04-26T21:40:00.000+05:30अरे हम थोड़ा दूर क्या हुए ..इतने सारे किस्से हो गये...अरे हम थोड़ा दूर क्या हुए ..इतने सारे किस्से हो गये . कोई शहीद बना जा रहा है कोई ब्लोगेरिया का शिकार है .. <BR/><BR/>सर्दी खांसी ना मलेरिया हुआ ..क्या कहूं यारो मुझको ब्लौगेरिया हुआ.. <BR/><BR/>अभी मुझे भी थोड़े ही दिन हुए हैं पर अपनी हालत भी कुछ ऎसी ही है ... ऑफिस का काम पैन्डिंग हुआ जा रहा है ..रोज बीबी के ताने सुनने पड़्ते हैं पर क्या करें छूटती नहीं है गालिब ये लत लगी हुई. कोनो ईलाज विलाज हो तो बतलाईयेगा.Anonymousnoreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8991622950326641568.post-90509354241108469962007-04-26T20:53:00.000+05:302007-04-26T20:53:00.000+05:30अभय जी अपने ब्लॉग की कमा न वे खुद संभाल लेंगे । मह...अभय जी अपने ब्लॉग की कमा न वे खुद संभाल लेंगे । महिला विमर्श है तो इसमे तुरही बजाने की क्या बात है, यह युद्ध नही ।<BR/>स्वस्थ बहस ऐसे नही होती ।<BR/>मुझे जहाँ लगेगा ज़रूरी ,ज़रूर बोलूँगी ।<BR/>सिमोन को मै भी पढने बैठ गयी हूँ । अभी तक तो वे सही जा रहे है। एक पुरुष को स्त्री मुद्दो पर इस तरह बात करते देख अच्छा लगता है।सुजाताhttps://www.blogger.com/profile/10694935217124478698noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8991622950326641568.post-5774771612827147412007-04-26T20:00:00.000+05:302007-04-26T20:00:00.000+05:30सच है…वाकई यह नशा बहुतो को घर में कैद कर रखा है…।सच है…वाकई यह नशा बहुतो को घर में कैद कर रखा है…।Divine Indiahttps://www.blogger.com/profile/14469712797997282405noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8991622950326641568.post-3622194064317433822007-04-26T19:57:00.000+05:302007-04-26T19:57:00.000+05:30सुजाता जी धन्यवाद आपने अभी से सचेत की दिया हम जैसे...सुजाता जी धन्यवाद आपने अभी से सचेत की दिया हम जैसे नौसिखियों को। और हाँ समीर जी के विचार वाकई चिट्ठाकारिता के हित में हैं। यह आप बीती पढ़ने के बाद उन लोगों को टेढ़ी नज़र से देखना पड़ेगा जिन्होंने ब्लॉगिंग में घुसा दिया और अब रोज़ टिप्पणी की भूख जगाते हैं।<BR/>कोटि-कोटि धन्यवाद!!!Anonymousnoreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8991622950326641568.post-69212220251801012382007-04-26T19:40:00.000+05:302007-04-26T19:40:00.000+05:30kya haalata banaa rakhee hai apaneeये तो बड़ा भयंक...kya haalata banaa rakhee hai apanee<BR/>ये तो बड़ा भयंकर रोग दिखे है। <BR/><I>रोज़ सुबह पति बच्चे को रवाना कर कीबोर्ड कूटने बैठ जाते हैं<BR/>टांसलिटरेशन ने खोपडे के खोपचे का बल्ब फोड डाला <BR/>भूखा क्या चाहे - दो घण्टॆ की ब्लॉगिंग !</I><BR/><BR/>मैं क्या क्या कोट करूँ, मुझे हंसते देख दूसरे मुझे पागल समझ रहे हैं। वैसे चिन्ता न करें मैंने कहा था ना ये संक्रमण है जो कमोबेश सभी को लगा है। <BR/>एक बात और समझ में आ गई है कि जिन से भी बदला लेना है उन्हें ब्लॉगिंग की राह दिखा दो।Anonymousnoreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8991622950326641568.post-52984683574393106832007-04-26T19:32:00.000+05:302007-04-26T19:32:00.000+05:30मेरा ई पन्ना आपसे प्रेरित हो कर महिला विमर्श कर रह...मेरा ई पन्ना आपसे प्रेरित हो कर महिला विमर्श कर रहे हैं.. सिमोन के बहाने.. आप कमान सँभालें.. प्रतिगामीशक्ति का प्रतिनिधित्व हम कर रहे हैं.. पतनशील मोर्चा देखने के लिये अज़दक को आवाज़ देने की ज़िम्मेदारी भी मैं ले सकता हूँ..आप रसोई से आग लेकर/ को आग में देकर युद्ध की तुरही बजा दें.. बीमारी का कुछ सदुपयोग हो..अभय तिवारीhttps://www.blogger.com/profile/05954884020242766837noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8991622950326641568.post-72756026125056269272007-04-26T19:04:00.000+05:302007-04-26T19:04:00.000+05:30समीर भाई मेरा तो अग्रिम आरक्षण कर लो अपने रिहेबिलि...समीर भाई मेरा तो अग्रिम आरक्षण कर लो अपने रिहेबिलिटेशन सेन्टर (पुनरूद्धार केन्द्र)मे,<BR/>आहा आपका नाम पट्ट होगा कितना सुन्दर होगा <BR/><BR/> " डा. समीर उडन तश्तरी वाले"<BR/>नोट: यहा बिमारी के साथ दवाई भी मिलती हैArun Arorahttps://www.blogger.com/profile/14008981410776905608noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8991622950326641568.post-90966522009739827822007-04-26T17:59:00.000+05:302007-04-26T17:59:00.000+05:30बढि़यॉंबढि़यॉंPramendra Pratap Singhhttps://www.blogger.com/profile/17276636873316507159noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8991622950326641568.post-16631249642723627252007-04-26T17:29:00.000+05:302007-04-26T17:29:00.000+05:30This comment has been removed by the author.मसिजीवीhttps://www.blogger.com/profile/07021246043298418662noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8991622950326641568.post-10436015200968005832007-04-26T17:14:00.000+05:302007-04-26T17:14:00.000+05:30रीहैब खुलवाने की वाकई ज़रूरत पडने वाली है समीर जी।इ...रीहैब खुलवाने की वाकई ज़रूरत पडने वाली है समीर जी।<BR/>इसे मज़ाक न समझा जाए \हमारा सच यही हाल है।सुजाताhttps://www.blogger.com/profile/10694935217124478698noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8991622950326641568.post-15913152662960958692007-04-26T16:46:00.000+05:302007-04-26T16:46:00.000+05:30kyaa haal HO GAYAA hai aapakaa--पहले के जमाने में ...kyaa haal HO GAYAA hai aapakaa--<BR/><BR/>पहले के जमाने में जिससे दुश्मनी भजानी होती थी, उसके लड़के को फ्री में चरस दे देकर चरसी बना देते थे और फिर किनारे बैठ कर तमाशा देखो. आज वही अंजाम ब्लागिंग का रस्ता दिखा कर प्राप्त किया जा सकता है. :) जल्दी ही इसके लतियों के लिये भी रिहेबिलिटेशन सेन्टर (पुनरूद्धार केन्द्र) की स्थापना करने का विचार है. :)Udan Tashtarihttps://www.blogger.com/profile/06057252073193171933noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8991622950326641568.post-77290077992467914172007-04-26T16:35:00.000+05:302007-04-26T16:35:00.000+05:30नहीं नहीं हम बेकसूर हैंनहीं नहीं हम बेकसूर हैंNeelimahttps://www.blogger.com/profile/14606208778450390430noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8991622950326641568.post-29149150575878595872007-04-26T16:15:00.000+05:302007-04-26T16:15:00.000+05:30सही है... ब्लॉगिंग को आप जैसे समर्पित लोगों की ज़रू...सही है... ब्लॉगिंग को आप जैसे समर्पित लोगों की ज़रूरत है। :)Pratik Pandeyhttps://www.blogger.com/profile/02460951237076464140noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8991622950326641568.post-67932029307934560362007-04-26T15:49:00.000+05:302007-04-26T15:49:00.000+05:30रोमन में हिन्दी chaltaa hai सच!रोमन में हिन्दी chaltaa hai सच!Pratyakshahttps://www.blogger.com/profile/10828701891865287201noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8991622950326641568.post-27030871725886065282007-04-26T15:48:00.000+05:302007-04-26T15:48:00.000+05:30बढ़िया! आपकी गिरधर गोपाल से दोस्ती बनी रहे। आप ब्ला...बढ़िया! आपकी गिरधर गोपाल से दोस्ती बनी रहे। आप ब्लागियाती रहें ऐसे ही बिंदास लिखती रहें!Anonymousnoreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8991622950326641568.post-71026862704993716072007-04-26T15:13:00.000+05:302007-04-26T15:13:00.000+05:30ऐलो, आपका तो काम हो गया..... ;) :Pऐलो, आपका तो काम हो गया..... ;) :PAnonymousnoreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8991622950326641568.post-9279594282146530982007-04-26T15:06:00.000+05:302007-04-26T15:06:00.000+05:30ब्लॉगिंग ने हमें निकम्मा कर दिया वर्ना ..सच में :)...ब्लॉगिंग ने हमें निकम्मा कर दिया वर्ना ..<BR/><BR/>सच में :)रंजू भाटियाhttps://www.blogger.com/profile/07700299203001955054noreply@blogger.com