Wednesday, December 26, 2007

जलते हुए बगदाद की कहानी, एक समानांतर इतिहास |

हम अक्सर ब्लॉग के माध्यम को लेकर बडी बडी बातें करते हैं, अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता, अस्मिता ,पहचान , मुखौटे ,नेक्सस और पता नही क्या क्या ? लेकिन ब्लॉगिंग को कितने लोग गम्भीर माध्यम के रूप में ले रहे हैं ? क्या वाकई हमने इस माध्यम की शक्ति की पहचान कर ली है ? अभी हिन्दी ब्लॉगर्स में परिपक्वता बहुत दूर की स्थिति लग रही है ,जहाँ हम अपने छोटे हितों और दोस्तियों से ऊपर उठकर वाकई गम्भीर लेखन और अभिव्यक्ति कर पाएंगे । हमारे पास अपना क्या है जो हम अपने ब्लॉग पर दे रहे हैं जो विशिष्ट है और जैसा किसी और के पास नही ? ब्लॉगर्स के सामने अभी हिट होने और टिप्पणी पाने की समस्या ही ज़्यादा गम्भीर है ।
लेकिन बगदाद की एक 27 वर्षीया चिट्ठाकार के पास युद्धभूमि के बीच बनते हुए ताज़े अनुभवों की ऐसी थाती है जो एक महत्वपूर्ण दस्तावेज़ बन चुकी है । रिवर बेन्ड के छ्द्मनाम से लिखने वाली यह चिट्ठाकार अपने ब्लॉग बगदाद बर्निंग में बहुत से सवाल उठाती है । वह दर्ज करती है कि कैसा था युद्ध से पहले का बगदाद और सरकार की नीतियों को प्रश्न चिह्नित करती है । अपने बगदाद छोडने के प्रकरण पर वह तफसील से लिखती है ।हैरानी होती है तो केवल यह कि युद्ध की आग में जलते हुए अपने देश की यह लडकी कैसे बिन्दास कहानी अपनी तरह से कहती है । स्त्री की अभिव्यक्ति , ब्लोग के माध्यम की ताकत और प्रामाणिक अनुभवों ने ही निर्देशक कीर्ति जैन को आकर्षित किया कि वे इस ब्लॉग का नाट्य रूपांतर कर एन.एस.डी में प्रदर्शित करें ।
रिवरबेंड ने बेस्ट मिडल ईस्ट और अफ्रीका का ब्लॉगी अवार्ड भी पाया है ।

इतिहास के समापन की घोषणा जब हो चुकी ऐसे में यह ब्लॉग और ऐसे अन्य ब्ळोग एक समानांतर इतिहास रच रहे हैं । यह वैकल्पिक इतिहास है उनका जिन्हे इतिहास की प्रक्रिया में अनदेखा किया गया है क्योंकि इतिहास वस्तुत: लिखने की प्रक्रिया में ही बनता है ।

8 comments:

azdak said...

सही सूचना.. धन्‍यवाद.

सुजाता said...

सूचना सही-सही दे पाई इसके लिए मिले धन्यवाद के लिए आभार !!

जेपी नारायण said...

कचराबाजी पर टिप्पणी बिल्कुल ठीक है,
लेकिन ब्लॉग हो या अभिव्यक्ति का और कोई प्लेटफार्म, ये महामारी सब जगह फैली हुई है, ऐसा हमेशा से रहा है, इसी बीच से सही रास्ते निकलने और निकालने की कोशिशें जारी रही हैं। कोशिशें जारी रहनी चाहिए....कांरवा चलता रहेगा।

Sanjeet Tripathi said...

शुक्रिया!

परमजीत सिहँ बाली said...

अच्छी जानकारी है।धन्यवाद।

परमजीत सिहँ बाली said...

अच्छी जानकारी है।धन्यवाद।

अविनाश वाचस्पति said...

बेहतरीन

अभय तिवारी said...

हम तो बहुत सीरियसली ले रहे हैं पर मजाक न बन जाये ये भी सोचते रहते हैं.. सूचना सही है.. देखते हैं मोहतरमा ने क्या लिखा है.. !