कल की INDIAN EXPRESS मे सिर्फ़ हिन्दी ब्लौगिंग पर ही नही उसमे नारद की भूमिका पर भी विस्तार पूर्वक चर्चा है। श्री अप्पूस्वामी राजगोपालन का यह लेख न केवल हिन्दी ब्लौगिंग के स्वरूप की विस्तार से व्याख्या करता है वरन नारद के प्रयासो का भी यथोचित उल्लेख करता है। इस लेख को पढ कर खुशी हुई कि चारो ओर हमारी चर्चा है। सबसे बढकर खुशी इस बात की हुई कि इस लेख मे जितेन्द्र चौधरी श्री नरुला के अतिरिक्त फ़ुरसतिया, मोहल्ला, मसिजीवी,निर्मल अनन्द, एक अनसुल्झी पहेली ज़िंदगी, ANONYMOUS, प्रत्यक्षा जी नीलिमा जी और उडनतश्तरी के अतिरिक्त नोटपैड यानी मेरे ब्लाग का भी उल्लेख किया गया है।
श्री राजगोपालन केरल के निवासी है।हिंदी मे ph.d है। और हमारे जानकार भी है।हमारे कहने पर ही उन्होने यह लेख लिखा है।इसलिए उनका तहे दिल से शुक्रिया।
उन्होने ब्लाग मे पत्रकारिता, ब्लौगिंग मे मुखौटो वालेविवाद का भी उल्लेख कर दिया है। उन्होने भविष्य को लेकर भी कुछ चिन्ताए ज़ाहिर की है ।
कुल मिलाकर यह कि राजगोपालन का यह विचारात्मक लेख हम सब को पढना चाहिए और निष्ठा पूर्वक ब्लौगिंग करते रहना चाहिए।
यह पोस्ट पढने के लिए धन्यवाद!
कही यह लेख किसी को दिखे तो मुझे भी उसकी एक कापी e mail कर दे।क्योकी मै तक्नीकी कारणो से वह लेख अपनी पोस्ट मे नही दिखा पा रही।
जिनके नाम और ब्लाग इस लेख मे छऊट गए है उनके लिए एक अलग से लेख लिख्ने का वादा राजू जी ने किया है।
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14 comments:
चलो जी आपने बेवकूफ बना ही दिया !!
बेजी जी की टिप्पणी मिटा दीजिए वरना बाक़ी लोग 'उल्लू' नहीं बनेंगे। :)
स्कैन करना या करवाना ज्यादा मुश्किल तो नहीं लगता!!
अब पाठकों के लिए इतना छोटा सा काम आप ही करवा लें तो अच्छा होगा। :)
माफ कीजिये अच्छा होगा। की बजाय हमें अच्छा लगेगा पढ़ें।
हम तो इसी में धन्य हो गये कि लेख के विचार के साथ हमारे नाम का विचार किया गया. बहुत साधूवाद आपका. अब तो Indian Express वालों की नजर पड़ ही जायेगी, काम हुआ ही समझो!! :)
मेल मिला आपको मेरा?
बहुत ही सार्गर्भित लगा लेख । समीर जी के बारे में तो ठीक है लेकिन आप के बारे में इस तरह नहीं लिख्नना चाहिये था ।
यह लेख सुबह ही अखबार में देखा. जोगलिखी पर स्केन कर रखा है. पाठक वहाँ जा कर पढ़ सकते है.
यहाँ खबर सुनाने के लिए आभार.
आज के दिन नारद पढना ही नही चाहिये था, पता ही नही चल रहा क्या सही है क्या झूठ ;)
अनूप जी,
आपका मेल नही मिला\ आप भी हमे बनाए तो नही है?
बेजी जी आप बहुत समझदार है !झट पहचान गयी।
सागर जी,
संजय बेंगाणी जी ने जोगलिखी पर वह लेख डाला है ।पढ लीजिए।
उडनतश्तरी जी
धन्यवाद अप्पूस्वामी को दें मुझे नही।
बड़ी अच्छी जगह है...बेवकूफ बनने पर समझदार का लेबल मिल जाता है.. :))
क्या बात है आप बेवकूफ बनाती भी हैं हमें तो पता था कि सिर्फ बनती हैं। :)
बहुत अच्छा लेख, लेकिन भाई, इन लोगों ने मुखौटे वाले का ज्यादा ही जिक्र कर दिया है लगता है, ये रहा लिंक , आप खुद ही देखिए।
बढिया लिंक दिये है जीतू जी !
धन्वाद!
अब इसे जुगाडी लिंक मे डाल दीजिए प्लीज़
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