इन चित्रों को अलग लिंक विंडो मे खोल कर देखें।
तस्वीर की तस्वीर। अलग खोल कर देखने पर आप लिखा हुआ पढ पाएँगे।
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इस ब्लॉग के ज़रिये अपनी कलमघसीटी को ब्लॉगबाजी में तब्दील करने का इरादा है। हम तो लिख्खेंगे, पढ़ना है तो पढ़ो वरना रास्ता नापो बाबा।
4 comments:
वाक्य ही ये तस्वीरें बहुत कुछ बोल रही है ।
सच में, तस्वीरें बोलती हैं. बहुत खूब.
दस साल पहले यूनीवर्सिटी के साथियों के साथ एक नाटक क किया था वहां. आपने याद दिला दी. टिप इन टॉप तो ज़रूर गई होंगी आप.
बढ़िया हैं तस्वीरें!
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