बादलों के ऊपर, यह दृश्य है टिप-इन-टॉप का। लैंस डाउनअ छावनी है गडवाल राइफल्स की। टिप -इन-टॉप यहाँ सबसे ऊँचा स्थान है जहाँ से हिमालय की बर्फीली चोटियाँ दिखाई देती हैं। अजीब है कि गर्मियों मे यहाँ धुंध होती है जिसके कारण चोतटियाँ नहीं दिखती ,लेकिन सर्दियों मे बिल्कुल धुन्ध नही होती और इन्हें देख कर आप हत्प्रभ रह जा सकते हैं। हम बादलों को आक के फूल की तरह, बच्चा बन कर पकड लेना चाहते हैं। बारिश अभी अभी हुई थी इसलिए नज़ारा और भी खूबसूरत ,और भी दिल्कश था। ऐसे मे कौन नही कह उठेगा---
छोड द्रुमों की मृदु छाया
तोड प्रकृति से भी माया
दिल्ली तेरे मॉल-जाल में
कैसे उलझा दूँ लोचन।
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12 comments:
चिपचिपाऊ गर्मी से राहत देने के लिए आपका धन्यवाद किन शब्दों में करूं...मैं तो इस धुंध में नहा लिया कसम से...
सुंदर दृश्य जरा ये बतातीं कि गढ़वाल जाना कब कैसे हुआ।
"लैंस डाउन छावनी है गडवाल राइफल्स की"
गडवाल --> गढ़वाल
अच्छी तस्वीरें हैं।
shrish
ज़रूर बताऊँगी, क्रमवार संस्मरण रूप में।
anuraag
अभी और राहत मिलेगी चिंता ना करो ।
mishraajee
धन्यवाद तस्वीरे पसन्द आई।
अमित के बाद आप दूसरी चिट्ठाकार हैं जो लैंसडाउन की यात्रा करके उसका विवरण दे रही है। बहुत खूब, पहाड़ देख के पहाड़ की याद आ ही जाती है।
बढ़िया प्राकृतिक छटा है. बहुत अच्छा लगा. इंतजार है अगली कड़ी का.
चित्र अत्यंत सुंदर हैं बिन कहे ही स्वयं ही काफी कह गया…।
तुम्हारे ब्लाग के मुखड़े का जो भाव है वो सामान्यत: -VE संज्ञान देता है…।मैं क्या सोंचती हूँ यह सार्वजनिक करने की आवश्यकता नहीं…।
अन्यथा मत लेना पर पढ्ने में बुरा लगता है।
वाह! फोटुएं तो शानदार है। दिल्ली की गर्मी से कुछ तो राहत मिली ही होगी। "खर्चे के फटके" के सदमे से उबर गयी हो तो एक दो फोटो भारतयात्रा पर भी लगा दो।
अभी ट्रेलर है. पूरी पिक्चर बाद में चलेगी. केवल चित्रों के लिए पहली किश्त का धन्यवाद टिका लो.
बहुत बढ़िया। वाह। शुभान अल्लाह। सच में सभी फोटो लाजवाब है। बहुत उम्मदा। फोटो देखकर दिल्ली की गर्मी से राहत मिली असलियत में कितना आन्नद आता होगा ना?
रमेश
बहुत खूब! अच्छा लगा देखकर इन्हे!
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