बादल -सूरज का यह प्रिय खेल है । अपनी ऑखों से हर नज़ारा ,काश दिखा पाते। और गढवाल छावनी मे हमारा प्रवेश।साफ और सुन्दर सडकें।
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एक गोली एक दुश्मन "
यह कहना है गढवाल राईफल्स का ।जोशीला चित्र देख ते ही छावनी का चरित्र सामने आ जाता हैं ।झाडू लगाता एक सिपाही नज़र आता है, चमकती सडके इन्ही की बदौलत हैं ।
सूर्योदय का दृश्य छन कर दिखता हुआ पेडों से।
to be continued....
2 comments:
खूब, तो आप भी घूम आए। :) हमने नव-वर्ष 2007 का स्वागत वहीं किया था, यात्रा-संस्मरण भी लिखा था। :)
अच्छे चित्र. बहुत सुंदर.
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